तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे
तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे
किया रे जो भी तूने कैसा किया रे
जिया को मेरे बंधन ऐसे लिया रे
समज के भी न समझ मैं सकूँ
सवेरों का मेरे तू सूरज लागे
तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे
तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे
तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे
अपना बना ले पिया
अपना बना ले पिया
अपना बना ले मुझे
अपना बना ले पिया
अपना बना ले पिया
अपना बना ले पिया
दिल के नगर में शहर तू बसा ले पिया
छूने से तेरे हाँ तेरे हां तेरे
फीकी रातों को रंग लगे
छूने से तेरे हाँ तेरे हां तेरे
फीकी रातों को रंग लगे
तेरी दिशा में क्यों चलने से मेरे
जोड़ी को पंख लगे
रहा न मेरे काम का जग सारा
हां बस तेरे नाम से ही गुजारा
उलझ के यूं न सुलझ मैं सकूँ
जुबानिया तेरी झूठी भी सच लागे
तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे
तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे
तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे
अपना बना ले पिया
अपना बना ले पिया
अपना बना ले मुझे
अपना बना ले पिया
अपना बना ले पिया
अपना बना ले पिया
दिल के नगर में
शहर तू बसा ले पिया
हो सब कुछ मेरा चाहे
नाम अपने लिखा ले
बदले में इतनी तो
यारी निभा ले
जग की हिरासत से
मुझे छुडा ले
अपना बना ले बस
अपना बना ले
अपना बना ले
अपना बना ले
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