रमेश का जीवन उसके पड़ोस में बसी लीला के साथ बिताए हर पल से रंगीन था। उनकी बचपन की कहानी में उन्होंने साथ में खेलने की हर चीज़ का आनंद लिया, चाहे वह पतंग उड़ाना हो या गिलहरीयों के पीछे दौड़ना। लीला के साथ उनका संबंध बस एक सामान्य दोस्ती से कहीं आगे था, वह एक-दूसरे के साथ संवाद करते, अपनी बातें साझा करते और हमेशा एक-दूसरे के साथ हंसी मज़ाक करते थे।
जब वे दोनों बड़े होते गए, तो रमेश का प्यार भी उनके साथ बढ़ता गया। उनकी दोस्ती में एक नया रंग आ गया था, जो उन्हें एक-दूसरे के करीब ले आया। वे स्कूल के लास्ट बेंच पर बैठकर एक-दूसरे के लिए नोट्स बनाते, एक-दूसरे के लिए पेन्सिल और उंगलियों के बीच पेन भिजवाते थे। लेकिन एक दिन, एक बड़ी गलतफहमी के कारण उनका रिश्ता दरारों में आ गया।
रमेश ने लीला से गुज़ारिश की थी, लेकिन लीला ने उसकी बात न सुनी और अपने रास्ते चल दिए। यह घटना रमेश के लिए दुखद थी, उसने कभी सोचा भी नहीं था कि उनकी दोस्त उन्हें इतना नफरत कर सकती है। इस गलतफहमी के बाद, उनकी दोस्ती टूट गई और उन्होंने अलग हो लिया।
रमेश के पिता की नौकरी के ट्रांसफर के चलते, वह एक अन्य शहर चला गया। समय बीतता गया, और वह अब एक युवा आदमी बन गया था। वह अपनी नौकरी के लिए मेहनत करता रहा, और उसके मन में हमेशा लीला की याद थी।
एक दिन, रमेश को अपनी नई नौकरी के लिए एक ऑफिस में नियुक्ति मिली, और वहाँ पहुंचते ही उसे एक चौंकाने वाला इंसान दिखाई दिया। वह कोई और नहीं, बल्कि लीला थी। उनकी आंखों में फिर से वही प्यार और मस्ती थी, जो कभी थी।
रमेश ने लीला से मुलाकात की, और दोनों के बीच की गलतफहमियों का पर्दाफाश हुआ। उनके दिलों में फिर से वही पुरानी आग जलने लगी, जो उन्हें एक-दूसरे के करीब लाया था। उन्होंने एक-दूसरे का साथ देकर सारे मुश्किलों का सामना क
िया, और अंत में उनकी प्रेम कहानी एक सुंदर निकाय में समाप्त हुई।
उनकी शादी का दिन आया, जो उनके लिए एक नया आरंभ था। वे एक-दूसरे के साथ अपने जीवन का हर पल साझा करने के लिए तैयार थे, और उनका प्यार अब अविच्छिन्न था।
इस प्रेम कहानी में बहुत सारे मोड़-मोड़ और पल-पल की मिठास थी, जो इसे एक अनमोल रूप में बनाती है। रमेश और लीला की प्रेम कहानी ने सिद्ध किया कि प्यार हमेशा जीतता है, और हर मुश्किल को पार करने की शक्ति रखता है।
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