Latest News

Teri Roh Mein Uttar Jao Ga

Teri Roh Mein Uttar Jao Ga


बे ज़मीन लोगोँ को
बेक़रार आँखों को
बदनसीब क़दमों को
जिस तरफ भी ले जाएं
रास्तों की मर्ज़ी है
बे निशान जज़ीरों पर
बाद गुमान शेहरों में
जिस तरफ़ भी भटका दें
रास्तों की मर्ज़ी है
रोक लें या बदने दें
थाम लें या गिरने दें
वसल की लकीरों को
टोड दें या मिलने दें
रास्तों की मर्ज़ी है
अजनबी कोई ला कर
हमसफर बना डालें
साथ चलने वालों की
रख भी उड़ा डालें
या मुसाफ़तें सारी
खाक में मिला डालें
रास्तों की मर्ज़ी है

No comments:

Post a Comment

Truelovetales | True Love Story And Shayari Collections Designed by Templateism.com Copyright © 2023-24

Theme images by Bim. Powered by Blogger.
Published By Gooyaabi Templates